Castor Oil in Hindi: अच्छी सेहत के लिए अधिकांश लोग घरेलु नुस्खों का उपयोग करते है। और भारत में तो लोग हमेशा अपने बड़ो और अपनी दादी के नुस्खों का उपयोग करते है। अरंडी का तेल हमारे सेहत के लिए काफी गुणकारी होता है। अरंडी के तेज में कई पोषक तत्व पाए जाते जो हमारे स्वास्थ्य के लिए गुणकारी होते है। अरंडी के तेल का इस्तेमाल सूजन कम करने, मुहसो को दूर करने और आँखों के इलाज में किया जाता है। यह एक जीवाणुरोधी तेल है।
Castor Oil On Hindi
आज हम आपको हमारे इस लेख के माध्यम से अरंडी के तेल से जुडी सभी आवश्यक जानकारी जैसे अरंडी का तेल होता क्या है ? अरंडी के तेल के फायदे तथा नुकसान आदि पर चर्चा परिचर्चा करेंगे।
यह एक उष्णकटिबंधीय पौधा होता है। अरंडी का तेल एक वनस्पति तेल है। अरंडी का पौधा अफ्रीका और भारत में पाया जाता है। अब चीन ब्राजील थाईलैंड वियतनाम आदि देशों में अरंडी का पौधा उगाया जाता है।इसका वैज्ञानिक नाम रिसीनस कम्युनिस (Ricinus communis) है ।Euphorbiaceae (युफोर्बिएसी) कुल का होता है। अंग्रेजी में अरंडी के तेल को Castor-oil plant (कैस्टर ऑयल प्लान्ट) कहते हैं।
अरंडी के तेल भारत में कई नामों से जाना जाता है जैसे तेलुगु में अमुदामु, मराठी में इरांदेला टेला, तमिल में अमानकु एनी, मलयालम में अवानाककेना और बंगाली में रिरिरा टेला आदि। अरंडी के तेल एक बहुत पुराना औषधीय तेल है। यह कई समस्याओं के इलाज के रूप में फायदेमंद साबित होता है। अरंडी का तेल बनाने के लिए अरंडी के बीजों का इस्तेमाल किया जाता है। अरंडी के बीजो को दबाकर तेल निकाला जाता है।
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अरंडी के तेल में सूजन को कम करने और जीवाणुरोधी गुण उपलब्ध है। अरंडी के तेल का विभिन्न सौंदर्य प्रसाधन, साबुन, वस्त्र, मालिश तेलों और प्रतिरक्षा प्रणाली,फंगल संक्रमण का इलाज, त्वचा पिग्मेंटेशन का इलाज, बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करना, मुंहासों का इलाज करना और आंखों का इलाज करने में किया जाता है। अरंडी के तेल का उपयोग दवाओं में भी किया जाता है। अरंडी का तेल थोड़ा गाढ़ा और हल्के पीले रंग का दिखाई देता है। अरंडी के तेल में रेजिनोलिक एसिड (ricinoleic acid) और कई अन्य फैटी एसिड पाए जाते है।
Nutrients Of Castor Oil in Hindi
अरंडी के तेल में रिसिनोलिक एसिड प्रचुर मात्रा पाया जाता है। अरंडी के तेल में लगभग 90% रिसिनोलिक एसिड पाया जाता है। इसके अतिरिक्त अरंडी के तेल में 4% लिनोलिक एसिड, 3% ओलिक एसिड, 1% स्टीयरिक एसिड और 1% से ज्यादा अन्य लिनोलेनिक फैटी एसिड पाया जाता है। अरंडी के तेल में एंटीफंगल एंटी इन्फ्लेमेटरी एंटीबैक्टीरियल एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। अरंडी के तेल में ओमेगासेक विटामिन और प्रोटीन भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है ।
Benefits Of Castor Oil in Hindi
कब्ज के लिए (Castor Oil in Hindi For constipation )
अरंडी के तेल का उपयोग कब्ज कीसमस्या कम करने में सहायक होता है।परन्तु अरंडी के तेल का अधिक मात्रा में सेवन करने से ऐंठन की समस्या की समस्या सकती है। क्योकि अरंडी के तेल में रिसिनोलिक एसिड (Ricinoleic Acid) पाया जाता है। इसलिए अरंडी के तेल का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार जरूर सलाह ले।
सूजन के लिए(Castor Oil in Hindi To cure Inflammation )
अरंडी के तेल में मुख्य रूप से फैटी एसिड, रिसिनोलिक एसिड पाए जाते हैं, जो सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। अरंडी का तेल सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होता है। अरंडी के तेल का सेवन करने से मुहांस और सूखी त्वचा का भी इलाज किया जा सकता है।अरंडी के पत्ते को घाव और सूजन वाली जगह पीसकर लगाने से दर्द से रहत मिलती है।
त्वचा के लिए(Castor Oil in Hindi For Skin )
अरंडी के तेल त्वचा को बूढ़ा होने से रोकने में सहायक होता है, यह के अद्भुत लाभ में से एक है । अरंडी के तेल त्वचा के अंदर गहराई से प्रवेश करता है। यह हमारे शरीर में कोलेजन और ईलेस्टिन के स्तर को बढ़ा देता है। अरंडिका तेल त्वचा को नरम करने और हाइड्रेट करने में सहायक होता है। अरंडी का तेल झुर्रियाँ और फाइन लाइन्स को कम करने का कार्य करता है जिससे त्वचा को चिकनी, नरम बनाती है। चेहरे को पहले अच्छी तरह पानी से धो लें और पौंछ लें, अब चेहरे पर थोड़ा-थोड़ा करके अरंडी के तेल से मसाज करें। रोज़ रात में सोने से पहले ऐसा करने से आपकी त्वचा स्वस्थ और हाइड्रेटेड रहेगी।
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मुहाँसो के लिए (Castor Oil in Hindi To Cures Acne )
तेल रोम छिद्रों और उनकी समस्या को बढ़ाने का कार्य करते हैं। परन्तु अरंडी के तेल मुहाँसो को कम करने में फायदेमंद होता है। पहले चहेरे को गर्म पानी से धो लें और पोंछ ले। अब अरंडी के तेल से अपने चेहरे की मालिश करें। अब इसे रत को ऐसे ही रहने दे और सुबह उठकर ठंडे पानी से अपना चेहरा धो लें। अरंडी का तेल राइसिनोलिक एसिड पाया जाता है जो मुँहासे से उत्पन्न बैक्टीरिया से लड़ने का कार्य करता है।
त्वचा मॉइस्चराइज़र के लिए (Castor Oil in Hindi for Moisturizing Skin)
अरंडी के तेल में मौजूद रिकिनोलिक एसिड (ricinoleic acid) और अन्य ऐसे फैटी एसिड त्वचा को नरम बनाने में सहायता करते हैं। अरंडी के तेल से त्वचा चिकनी और कोमल होती है। अरंडी का तेल सबसे बेहतर मॉइस्चराइज़र है। यह अत्यधिक सुखी त्वचा को निकालने में सहायक होता है।
दाग धब्बों के लिए ( Castor Oil in Hindi for Face Blemishes)
अरंडी के तेल में फैटी एसिड पाया जाता है, जो चेहरे पर से दाग धब्बो को साफ़ करने में सहायक होती है। अरंडी के तेल में मौजूद फैटी एसिड हमारे त्वचा के स्कार टिश्यू (Scar tissue) में जाकर चारों ओर स्वस्थ टिश्यू का विकास करते हुए दाग धब्बो को बाहर निकालने का कार्य करती हैं। अरंडी के तेल नियमित रूप से इस्तेमाल करने से दाग धब्बो को ठीक किया जा सकता है।
स्ट्रेच मार्क्स के लिए(Castor Oil in Hindi for Stretch Marks)
गर्भावस्था के कारण स्ट्रेच मार्क्स होते हैं।अरंडी का तेल फैटी एसिड में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होती हैं । गर्भावस्था के अंतिम दो महीनों के दौरान आनंदी के तेल का इस्तेमाल करने से स्ट्रेच मार्क्स होने से रोका जा सकता है। अरंडी के तेल की हाथ से प्रभावित स्थान पर 15-20 मिनट तक मसाज करें।
लंबे बालों के लिए (Castor Oil in Hindi for Hair Growth )
अरंडी का तेल बालों के विकास को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अरंडी के तेल से सिर की मालिश करने से बाल घने और लंबे हो सकते हैं। अरंडी के तेल रोम के रक्त परिसंचरण को बढ़ा देता है।इससे बालों का विकास तेज होता है।अरंडी के तेल में ओमेगा 9 और फैटी एसिड पाया जाता है जो बालों को स्वस्थ बनाने में सहायक होता है। स्कॅल्प बालों के पैच, रूसी और खुजली जैसी प्रमुख बाल समस्याओं का कारण हो सकता है। अरंडी का इस्तेमाल करके इन समस्याओं से छुटकारा पाया सकता है।
सफेद बालों के लिए (Castor Oil in Hindi for Premature Grey Hair)
अरंडी के तेल से समय से पहले बालो का सफ़ेद होना रोका जा सकता है। इसके अतिरिक्त अरंडी का तेल से शुष्क और क्षतिग्रस्त बालों को ठीक किया जा सकता है।
दाद के लिए (Castor Oil in Hindi to Treat Ringworm)
अरंडी का तेल 2 चम्मच और 4 चम्मच नारियल तेल को मिक्स करके दाद पर लगाएँ। ऐसा करने से आप दाद की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अरंडी के तेल में मौजूद अंडरएलेनेनिक एसिड नामक एक सक्रिय यौगिक दाद के इलाज में सहायक होता है।
घावों को भरने के लिए ( Castor Oil in Hindi for Wound Healing)
अरंडी का तेल एक अच्छे एंटीसेप्टिक (Antiseptic) के रूप में भी कार्य करता है। अरंडी के तेल में उपस्थित रोगाणुरोधी गुण छोटे कट्स और खरोंच को ठीक करने में सहायक होता हैं। और इसमें एंटी- इन्फ्लैमटरी गुण पाया जाता है जो दर्द को दूर करने में सहायक होता है।
गठिया के लिए ( Castor Oil in Hindi for Arthritis)
अरंडी के तेल का इस्तेमाल करने से जोड़ो और ऊतको के दर्द का निवारण किया जा सकता है। एक कपड़े के टुकड़े को अरंडी के तेल में भिगोएँ। अब कपड़े में से अतिरिक्त तेल को दबाकर निकाल दे और प्रभावित जोड़ो पर कपड़ा रख कर इसे प्लास्टिक रॅप से कवर कर दे। अब एक गर्म पानी की बोतल या हीटिंग पैड इस पर एक घंटे के लिए रख कर छोड़ दें। ऐसा करने से आप जोड़ों के दर्द, तंत्रिका सूजन और गले की मांसपेशियों आदि समस्या से छुटकारा पा सकते है।
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रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए (Castor Oil in Hindi Boosts the Immune System )
अरंडी का तेल रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है।अरंडी के तेल का बाहरी रूप से प्रयोग करने पर टी -11 कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि होती है ।यह टी -11 कोशिकाए शरीर में रक्षा तंत्र में वृद्धि करने का कार्य करता है। टी -11 कोशिकाओं में रोगजनकों और विषाक्त पदार्थों से लड़ने की क्षमता होती हैं।
पीठ दर्द के लिए (Castor oil in Hindi for Backache)
अरंडी के तेल से पीठ पर मालिश करने दर्द और कठोरता से छुटकारा पाया जा सकता है। दर्द के स्थान पर अरंडी का तेल लगा कर एक साफ और मुलायम कपड़े के दर्द ग्रसित स्थान को ढक कर एक घंटे के लिए पीठ पर एक गर्म पानी के थैली को रखें दे । इस प्रक्रिया को तीन दिनों के बाद पुनः दोहराएं।
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Side Effects Of Castor Oil in Hindi
- अरंडी के तेल की गर्म प्रकृति के कारण, अधिक मात्रा में सेवन करने से दस्त या पेचिश समस्या सामने आ सकता है।
- अरंडी के तेल के से पेट में ऐंठन, मतली, उल्टी, चक्कर आना जैसी समस्याए भी उत्पन्न हो सकती है।
- यह गर्भावस्था के दौरान स्तनपान कराने वाली माताओं और बच्चों को अरंडी के तेल का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से एक बार सलाह जरूर ले।
- अरंडी के तेल से एलर्जी होने पर स्किन पर रैश, खुजली और सूजनआदि समस्याए हो सकती है।
- अरंडी के तेल का अधिक मात्रा में सेवन करने से गर्भपात की समस्या हो सकती है।
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क्या है अरंडी तेल बताईये?
अच्छी सेहत के लिए अधिकांश लोग घरेलु नुस्खों का उपयोग करते है। और भारत में तो लोग हमेशा अपने बड़ो और अपनी दादी के नुस्खों का उपयोग करते है। अरंडी का तेल हमारे सेहत के लिए काफी गुणकारी होता है। अरंडी के तेज में कई पोषक तत्व पाए जाते जो हमारे स्वास्थ्य के लिए गुणकारी होते है। अरंडी के तेल का इस्तेमाल सूजन कम करने, मुहसो को दूर करने और आँखों के इलाज में किया जाता है। यह एक जीवाणुरोधी तेल है।
कब्ज के लिए कैसे उपयोगी है बताईये?
अरंडी के तेल का उपयोग कब्ज कीसमस्या कम करने में सहायक होता है।परन्तु अरंडी के तेल का अधिक मात्रा में सेवन करने से ऐंठन की समस्या की समस्या सकती है। क्योकि अरंडी के तेल में रिसिनोलिक एसिड (Ricinoleic Acid) पाया जाता है। इसलिए अरंडी के तेल का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार जरूर सलाह ले।
लंबे बालों के लिए फायदे बताओ अरंडी के ?
अरंडी का तेल बालों के विकास को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अरंडी के तेल से सिर की मालिश करने से बाल घने और लंबे हो सकते हैं। अरंडी के तेल रोम के रक्त परिसंचरण को बढ़ा देता है।इससे बालों का विकास तेज होता है।अरंडी के तेल में ओमेगा 9 और फैटी एसिड पाया जाता है जो बालों को स्वस्थ बनाने में सहायक होता है। स्कॅल्प बालों के पैच, रूसी और खुजली जैसी प्रमुख बाल समस्याओं का कारण हो सकता है। अरंडी का इस्तेमाल करके इन समस्याओं से छुटकारा पाया सकता है।
अरंडी के तेल के दुष्प्रभाव बताईये?
अरंडी के तेल की गर्म प्रकृति के कारण, अधिक मात्रा में सेवन करने से दस्त या पेचिश समस्या सामने आ सकता है।
अरंडी के तेल के से पेट में ऐंठन, मतली, उल्टी, चक्कर आना जैसी समस्याए भी उत्पन्न हो सकती है।
यह गर्भावस्था के दौरान स्तनपान कराने वाली माताओं और बच्चों को अरंडी के तेल का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से एक बार सलाह जरूर ले।
अरंडी के तेल से एलर्जी होने पर स्किन पर रैश, खुजली और सूजनआदि समस्याए हो सकती है।
अरंडी के तेल का अधिक मात्रा में सेवन करने से गर्भपात की समस्या हो सकती है।
गठिया के लिए कैसे उपयोगी है?
अरंडी के तेल का इस्तेमाल करने से जोड़ो और ऊतको के दर्द का निवारण किया जा सकता है। एक कपड़े के टुकड़े को अरंडी के तेल में भिगोएँ। अब कपड़े में से अतिरिक्त तेल को दबाकर निकाल दे और प्रभावित जोड़ो पर कपड़ा रख कर इसे प्लास्टिक रॅप से कवर कर दे। अब एक गर्म पानी की बोतल या हीटिंग पैड इस पर एक घंटे के लिए रख कर छोड़ दें। ऐसा करने से आप जोड़ों के दर्द, तंत्रिका सूजन और गले की मांसपेशियों आदि समस्या से छुटकारा पा सकते है।